Anant Ki Khoj
SKU: 978-81-8037-055-7
लेखक, डॉ राजीव मोहन कौशिक, एम. डी. (मेडिसिन), वर्त्तमान में हिमालयन आयुर्वेदिक संस्थान, देहरादून में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। यह पुस्तक उनके कुण्डलिनी जागरण से सम्बंधित अनुभव पर आधारित है। यह कल्पना की उड़ान नहीं अपितु एक चिकित्सक की सत्यकथा है जिन्होंने सहजयोग ध्यान के पश्चात कुण्डलिनी का स्वतः जागरण अनुभव किया। यह एक विलक्षण अनुभव था जो उनके चिकित्सा ज्ञान से परे था। इस पुस्तक में उन सभी अनुभवों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है।
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